...

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चोला
ओढ लिया है अब उन्होंने, भगवे रंग का भी चोला,
जिस पे आज तलक न जाने, किसने किसने है बोला ।

यहीं जो कहते भगवे गुंडे, गंदा मुंह उन्होंने खोला,
उड़ गए उन्हीं के तोते, उनका वादा हर निकला पोला ।
©®@Devideep3612
झूठा है और पक्का है, पर रंग है इनका गहरा काला,
आपस में इनकी खूब बने, हर रिश्ता इनका जीजा साला ।

इनके कोठे, इनके ठेके, हर दुकान है मधुशाला,
हिले डुले झूमें नाचे, सब हांथ में ले, लेकर के प्याला ।
©®@Devideep3612
चले उठाते चाहें जिसको, बस अपनीही लगे है हर बाला,
तेरे पतन का पता लगा है, देख उठने लगी अब ज्वाला ।

कहे "देवीदिप" इनसे बचो तुम, खोली इन्होंने है शाला,
कही कान मरोड़ ना दे, है इनकी बड़ी कमिनी खाला ।
©®@Devideep3612