...

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प्रकृति
#ख्वाबोंकीदुनिया
एक रात कुछ ऐसी सोई में,
ऐसा लगा किसी और ही दुनिया में खोई में।
वो खुला आसमां, वो मखमली घास,
वो तारों की छांव, और हो सुकून भरे मन का साथ।
शायद इसलिए क्योंकि यहां कोई मतलब की बात नहीं,
लोगों की आशाओं का भार नहीं।
तौर तरीके जैसी कोई बात नहीं।
प्रकृति का होता साथ यही,
भूल जाए हर कोई बात वहीं।
जब धरती सुलाई गोद में अपने,
ठंडी हवाएं हाथों से सहलाए अपने।
आसमान आंचल को फैलाए अपने।
कल कल बहती लहरें लोरी सुनाए ऐसे।
© #harshi