...

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एक आख़री बार
मुझे वो सब दोबारा याद करना है
एक आख़री बार
जब तुमने मेरे हाथों में अपना हाथ दिया था
जब तुमने आख़िरी बार मुझसे कुछ तो कहा था
जब तुमने आख़िरी बार मुझे सुना था
जब आख़री बार हमारी सासें टकरायी थी
जब आख़री बार तुम्हारी ज़ुल्फ़ें सवारी थी
जब आख़िरी बार तुम ने मुझे देखा था
जब आख़िरी बार मैंने तुम को जाते हुये उस
मोड़ तक देखा जब तक तुम ओझल ना हुई
जब आख़िरी बार हमारी आमने सामने बात हुई
जब आख़िरी बार और आख़िरी बार मैंने तुझे छुआ

काश वो आख़री लम्हा एक बार जी पाता
बस एक आख़िरी बार
© 𝕤𝕙𝕒𝕤𝕙𝕨𝕒𝕥 𝔻𝕨𝕚𝕧𝕖𝕕𝕚