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जो जानता है, वह आनन्द लेता है ।
जो ज्ञानी है वह दूसरों के विचारों पर प्रतिक्रिया नहीं देता, क्योंकि दूसरा अगर सत्य के संबंध में असत्य भी कहता है तो उससे सत्य बदलता नहीं है। जो जानता है वह केवल दृष्टा भाव से देखता है, क्योंकि उसे ग़लत और सही का पता है, दूसरों के विचार उसके लिये मायने नहीं रखते, ना हीं वह दूसरों को सुधारने के लिए चिंतित होता है, सुधार हम किसी को नहीं सकते, मूर्खों को समझाओ मत, मूर्खों को ख़ुद आने दो समझने के लिए। मूर्खों के लिए चिंतित होने की कोई जरुरत नहीं है। संसार में सबके लिए जगह बनी हुई है ।
© 🌍Mr Strength