विपदा
नादान सी उम्र जब थी
आकाश में उड़ते उड़ाते थे
जब दायरे बढ़ गये
जवां दिल के अहसास जागे
ऐसे बने सबसे हो बेमुरव्वती
मुहब्बत के तमाशे में उलझ सुध-बुध उड़ाके
नयनतीरों से हुए जो घायल
दिल में खुद को बैठें हैं आग लगा के
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आकाश में उड़ते उड़ाते थे
जब दायरे बढ़ गये
जवां दिल के अहसास जागे
ऐसे बने सबसे हो बेमुरव्वती
मुहब्बत के तमाशे में उलझ सुध-बुध उड़ाके
नयनतीरों से हुए जो घायल
दिल में खुद को बैठें हैं आग लगा के
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