...

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जो मिला....उनसे ही मिला ❤️
करने गया था मैं शिकवे शिकायत उनसे
दीदार हुआ उनका और इबादत हो गई

उनसे दूर रहना चाह तो रहा था मैं कभी
मगर दिल लगा ऐसा कि आदत हो गई

कसम ली थी कभी किसी को नहीं चाहूंगा
देखा उनको पहली बार उनसे मोहब्बत हो गई

अरमान नहीं थे कभी मेरे इतने ऊंचे ऊंचे कि
वो जो आए क़रीब मेरे पूरी वो हसरत हो गई

धागे जो बांध आया था मांगी थी जो दुआओं में
पाया जो साथ उनका पूरी मेरी हर मन्नत हो गई

लिखना मेरे लिए एक जंग एक कोशिश थी कभी
उनकी खूबसूरती से लिखने की सहूलियत हो गई

अजी हमारी तो छोड़िए हम तो इंसां हैं मामूली से
छू लें गर वो नाचीज़ को उसकी बड़ी एहमियत हो गई


© विकास - Eternal Soul✍️