...

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ज़िंदगी के रंग
जो आसमां पर थे कभी आज वो जमीं पर आ गए,
कल तक महलों में रहने वाले आज झोपड़ी में आ गए,
यूँ बदली करवट ज़िंदगी ने सारे सितारें गर्दिश में आ गए,

कल तक दुआओं में थे सबकी आज बेख़बर हो गए,
ज़माने से तालुक रखने वालें भी आज बेगाने हो गए,
जीने की ख्वाइश रखने वाले आज मौत माँगने लग गए,

मौसम के साथ बदलने वाले आज बुत बनके रहने लग गए,
बात पर खरा उतरने वाले आज कसमें खाने लग गए,
साथ जीने का ख़्वाब था जिनके संग वो औरों के बन गए,

© feelmyrhymes {@S}