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दर्पणप्रतिबिंब
#दर्पणप्रतिबिंब
मैंने दर्पण में खुद को देखा
और दर्पण ने मुझको
बाल सफ़ेद और तोंद लटकती
देख ये मन मुरझाया।
मेरा लटका देख के मुखड़ा
शीशे का दिल कुछ डोला
फ्लाइंग किस देते हुए
मुझसे आइने का दिल यूँ बोला
ओए सदाबहार जवानी!
न देख उतरता पानी।
तू अंदर से है सॉलिड
मैंने दिल तेरा है देखा।
तेरी शेर सी निडर निगाहें
मुहब्बत से फैली बाँहें
तू बेहतर पिता है, पति है
तेरा घर तुझसे है चलता।
ओ मेरे चाँद के टुकड़े!
नहीं चाँद भी एक सा रहता
तूने खेली है लंबी पारी
तू है नंबर एक खिलाड़ी।





© drajaysharma_yayaver