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जज़्बात.....
#एक ख़लिश सी दिल में उठती है
आंसू बनकर तकिये पर गिरती है
ना जाने क्या अंजाम होगा अब मेरा
कैसा होगा कल का आने वाला सवेरा
कब तक ये भटकन रहेगी जीवन में
कभी तो राह मिले इस सूने जीवन में
क्यों कोई नहीं समझता मेरे मन को
क्यों ग्रहण लगा है मेरे इस जीवन को
एक उम्मीद सी जगती है इस दिल में
कभी तो सूरज चमकेगा मेरे जीवन में !!
आंसू बनकर तकिये पर गिरती है
ना जाने क्या अंजाम होगा अब मेरा
कैसा होगा कल का आने वाला सवेरा
कब तक ये भटकन रहेगी जीवन में
कभी तो राह मिले इस सूने जीवन में
क्यों कोई नहीं समझता मेरे मन को
क्यों ग्रहण लगा है मेरे इस जीवन को
एक उम्मीद सी जगती है इस दिल में
कभी तो सूरज चमकेगा मेरे जीवन में !!
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