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सोचता हूं जिंदगी पर किताब लिखूं


सोचता हूं जिंदगी पर किताब लिखूं
इंतेसाब (relation) लिखूं
निसाब (property) लिखूं
या जिंदगी के हिसाब लिखूं

सोचता हूं कि आखिर क्या लिखूं
जिंदगी को कमाल लिखूं
सुनहरे मौसम का जमाल लिखूं
बेमिसाल लिखूं
लाजवाब लिखूं
या आरजुओं का मलाल लिखूं

सोचता हूं जिंदगी पर एक किताब लिखूं
नशीले खुमार की यादें, बेहोश बातें
सुनहरे दिन, शानदार रातें
दोस्तों की हिमायती बातें
बर्फ़ सी ठंडी, बहार की रातें
ख्वाब सी दर्दनाक बातें

सोचता हूं एक किताब लिखूं
गुजरे माह-साल लिखूं
अतीत की धुंधली दास्तानें लिखूं
खूबसूरत यादों की चमकती वादियां लिखूं
जीवन की उतार-चढ़ाव वाली राहें लिखूं
या काले अंधकार की उदासियां लिखूं

सोचता हूं कोई सपना लिखूं
दिल की गलियों को लाल लिखूं
मोहब्बत को गुलाम लिखूं
मौसम को फ़ानी लिखूं
गरम धूप को आफ़ताब लिखूं
पीले पत्तों को चमकदार लिखूं
जिंदगी को स्थायी लिखूं
या टूटा कोई ख्वाब लिखूं

बता ऐ जिंदगी मैं क्या लिखूं
बहता झरना कोई
गुनगुनाता राग कोई
लहराता आंचल कोई
नूर बिखेरता चेहरा कोई
सुंदर चेहरे पर पड़ता साया कोई
चलता दरिया कोई
या दुखी पल कोई

कुछ तो बता ऐ जिंदगी मैं आखिर क्या लिखूं
मुड़ती गलियों को जाल लिखूं
मौसमों को सवाल लिखूं
मुसीबतों को रास्ता लिखूं
कैसे मैं दिल का हाल लिखूं
इन रास्तों को सजा लिखूं
नफ़रतों के जज्बात लिखूं
प्यार को तारीफ़ लिखूं
जिंदगी को नाराजगी लिखूं
चोटों को दर्द लिखूं
दोगले चेहरों को बेनकाब लिखूं
मैं कैसे उसको जीवन लिखूं

सोचता हूं ऐ जिंदगी तुझ पर एक किताब लिखूं
जिंदगी के सारे हिसाब लिखूं
© chayansays...