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Meri maa❤
#WritcoPoemPrompt54
एक अर्जे से खामोश हूं बहुत, जोर से रोना चाहती हूं
में एक बार फिर से
तुम्हारी गोद में सोना चाहती हूं !
हर पल बस तुम्हारी याद बहुत आती है !
और एक बार आ जाए ना फिर सारी रात रूलाती है!
पता है!
सारी रात जाग रही हूं
सपने थे न जो तुम्हारे,
उनको ही तो पूरा करने हर कहीं भाग रही हूं!
रो रही हू बहुत,
चुप नहीं कराओगी?
क्या मेरी खुशी के लिए भी एक बार,
वापस नहीं आओगी?
बस एक बार गले से लगा लो, इतनी बुरी भी नहीं हु,
मुझे अपने पास बुला लो!
थक गई हु सबसे,
तुम्हारी दुआ है वर्ना मर जाती में कबसे!
तुम्हारे लिए ही तो जी रही हू,
और तो कोई वजह भी नहीं है!
मुझे बस तू चाहिए मां,
और तू ही नहीं है!
मेरे बीमर होने पर तुम, खाना तक नहीं खाती थी!
मेरे एक बिना मतलब के सवाल के चार- चार जवाब बताती थी,
तुम मुझे कितना प्यार करती थी!
© All Rights Reserved
एक अर्जे से खामोश हूं बहुत, जोर से रोना चाहती हूं
में एक बार फिर से
तुम्हारी गोद में सोना चाहती हूं !
हर पल बस तुम्हारी याद बहुत आती है !
और एक बार आ जाए ना फिर सारी रात रूलाती है!
पता है!
सारी रात जाग रही हूं
सपने थे न जो तुम्हारे,
उनको ही तो पूरा करने हर कहीं भाग रही हूं!
रो रही हू बहुत,
चुप नहीं कराओगी?
क्या मेरी खुशी के लिए भी एक बार,
वापस नहीं आओगी?
बस एक बार गले से लगा लो, इतनी बुरी भी नहीं हु,
मुझे अपने पास बुला लो!
थक गई हु सबसे,
तुम्हारी दुआ है वर्ना मर जाती में कबसे!
तुम्हारे लिए ही तो जी रही हू,
और तो कोई वजह भी नहीं है!
मुझे बस तू चाहिए मां,
और तू ही नहीं है!
मेरे बीमर होने पर तुम, खाना तक नहीं खाती थी!
मेरे एक बिना मतलब के सवाल के चार- चार जवाब बताती थी,
तुम मुझे कितना प्यार करती थी!
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