...

12 views

बहुत हूं
हाथ थामे रखना
जरा कस कर मेरा तुम
ज़िंदगी के टेढ़े मेढे रास्तों पर
चलने में लड़खड़ाती बहुत हूं।

मेरे सवालों के जवाब
कुछ सोच समझकर देना हुज़ूर
की सवालों के घेरे में
मैं उलझाती बहुत हूं।

कुछ छुपाना न
मुझसे कभी तुम
की तेरे राज जानने को
मैं दिमाग लगाती बहुत हूं।

कुछ कहने से पहले
रुक जाना थोड़ा
की तेरी हर कठोर बात पे
मैं आंखे छलकाती बहुत हूं।

मेरे हाव भाव को पढ़ लेना
बारीकी से तुम
की मैं अपना हर दर्द
तुमसे छुपाती बहुत हूं।

मेरी हंसी को परख लेना तुम
की हंसी की चादर ओढ़े
सीने में समुंदर की उथल पुथल छुपाए
मैं मुस्कुराती बहुत हूं।

समझने की कोशिश करना तुम
मुझे और मेरे जज्बातों को
की हर लड़ाई के बाद
मैं अपने दिल को समझती बहुत हूं।

खींच कर रखना
अपनी ओर मुझे तुम
की तेरी तकलीफों को देख कर
मैं खुद को जलाती बहुत हूं।

मेरे आंखों में ढूंढ लेना
मेरे प्यार की सच्चाई
हर बार इसे जताने में
मैं हिचकिचाती बहुत हूं।

मेरे प्यार को समझते हो तुम अगर
तो जान लेना की हर एक रिश्ता
आखरी सांस तक
मैं निभाती बहुत हूं।

2nd September 2021
10:16pm, Thursday
© Rohini Sharma