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तूफानी रात
बड़ी ज़ोर की बारिश हो रही थी। आसमान में बिजली कड़कड़ा रही थी पर घर पर बिजली गुल थी। तभी फोन की घंटी बजी और जीत ने रिसीवर उठा के कहा हैलो, कौन है? उधर से आवाज़ आई ओह, सॉरी, रॉन्ग नंबर, और फोन रख दिया गया। जीत को दो साल पहले की वो तूफानी रात याद आ गई। उस दिन भी तो ऐसे ही फोन आया था और बोला कि रोंग नंबर मगर उसके बाद से तभी एकदम से लाइट अपने आप चालू बंद चालू बंद होने लगी और तभी गेट खटखटाना की आवाज आती है जीत गेट की और बढ़ता है वह बहुत ही डरा हुआ होता है जैसे ही वह गेट खुलता है वहां पर एक औरत खड़ी होती है जो रो रही होती है और बोलती है मेरी मदद करो मेरे बच्चे का वहां पर एक्सीडेंट हो गया है मुझे उसे अस्पताल ले जाना है मगर हॉस्पिटल बहुत दूर है तभी जीत उसकी शक्ल पर गौर करता है उसके मुंह पर बहुत ही ज्यादा निशान पड़े हुए थे और वह बहुत ही डरावनी दिख रही थी जीत उसकी डरते डरते उसकी मदद करने तो जाता है वह रोड पर जाता है उसके साथ जाते-जाते वह औरत एकदम से गायब हो जाती है और सामने उस औरत की लाश पड़ी होती है द जीत दौड़ते दौड़ते अपने दोस्त गीत के घर जाता है वह उसे बताता है कि वहां पर ऐसा ऐसा उसके साथ हुआ और तभी गीत कदम से हंसने लगता है और बोलता है तुम्हारे साथ मजाक हुआ है क्योंकि उस दिन जीत का बर्थडे था तो सभी दोस्त उसको उल्लू बनाना चाहते थे तभी वह जो औरत डरावनी सी थी वह वापस आती है वह गीत की दोस्त होती है
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