...

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ख़तम कहा होता है कुछ
ख़तम कहा होता है कुछ ,
बस कुछ पल थम जाता है ।
कहानी हो या ज़िन्दगी ,
रास्ते बदलते है, मंजिले मिलती है ।
कुछ ख़्वाब अधूरे रहते है ,
कुछ फ़रियाद पूरी होती है ।
ख़तम कहा होता है कुछ ,
जैसे कहानी के किरदार कहानी के बाद
आगे बढ़ जाते है
वैसे ही ज़िन्दगी के रूप बदल जाते है ।
ख़तम कहा होता है कुछ ,
बस कुछ पल थम जाता है ।
रुक जाता है सब मानो किसी की तलाश में ,
किसी उम्मीद में ,
किसी से थक कर ,
जैसे कहानी के किरदार बदलते है
पुराने को पीछे छोड़ ,
वैसे ही ज़िन्दगी के इम्तेहान बदलते है
पुराने को पीछे छोड़ ।
ख़तम कहा होता है कुछ ,
बस कुछ पल थम जाता है ।
ज़िन्दगी चलती रहती है ,
बस किरदार बदल जाता है ।।

©ashmita18