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ये जिंदगी और ये दुनिया...
इस झूठ की दुनिया से हम
कहीं निकल ले;
जहाँ मिले न कोई अब,
हमको गम !
वहाँ खुल के दो चार
पल तो जी लें..
प्यार की उम्मीद बरबाद कर गई
सुकून को हमारे
अब खुद से थोडा दिल का
रिश्ता तो जोड़ ले !
दूसरों के लिए तो बहुत जीया हमने......
अब थोडा अपने लिए तो जी ले !!
कहीं निकल ले;
जहाँ मिले न कोई अब,
हमको गम !
वहाँ खुल के दो चार
पल तो जी लें..
प्यार की उम्मीद बरबाद कर गई
सुकून को हमारे
अब खुद से थोडा दिल का
रिश्ता तो जोड़ ले !
दूसरों के लिए तो बहुत जीया हमने......
अब थोडा अपने लिए तो जी ले !!
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