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शिव भजन
हे! काशीपति है नमन तुम्हारे चरणों में,
तुम सदा विराजो मेरे अंतरमन में।

भक्ति की अविरल धारा रहे बहती सदा मेरे अंतःकरण में,
बाधा ना आए कभी तुम्हारे नाम सुमिरन में।

मणकों की माला ना उठाई मैंने जीवन में,...