...

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स्वीकार
सब कोई श्रेष्ठ,हर कोई उत्तम है जग में
परिवर्तन होता है केवल,परिस्थितियों से
आता नहीं सबको जूझना गम से
होता परिवर्तित मन अवस्थाओं से
करना पड़ेगा स्वीकार सबको
जुड़े हैं अपने रिश्तों और मित्रों से।

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