...

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इस बार मैं जीतूंगी शक नहीं
उसे खोने का डर मानो जैसे मुझे खाया जा रहा हो
यह डर मानो मुझे हर पल सताया जा रहा हो
मैं कुछ नहीं कर सकती
सिवाय के इंतजार के
मेहनत के
मैं पागल होती जा रही हूं
एक पल को तो ऐसा लगता है
मानो मैंने उसे खो ही दिया है
या फिर कभी ऐसा लगता है
वह कभी था ही नहीं
सब सपना था वह कभी ना अपना था
फिर लगता नहीं वह तो मेरा ही है
और कहीं नहीं जाएगा
फिर लगता है कहीं चला गया तो नहीं
इतने सवाल इतनी बेचैनी सब जानी पहचानी है
सब पहले भी हो चुकी है
और मैं हार गई थी उस बार मैंने शक को जीतने दिया था
पर इस बार मैंने ऐसा नहीं होने दूंगी
इस बार मैं जीतूंगी,शक नहीं

© @Aayushi_Yadav