...

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आदमी और वैशया क्या है गाथा ए ग़ालिब हुजूर का कहना।।
एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त,
क्या है- क्या है
क्या है इसके अनन्त का अन्त,
क्यों है ये असंभव प्रियाशी प्रेम,
क्यों इस्त्री और वैशया अलग-अलग लोग हैं,
ग़ालिब ऐ हुजूर क्या फर्मा रहे,
कुल विजयती किंतु योनि टूट टूट प्राभावी,
वह चितिर बितिर फड़फड़ानि,
किन्तु मनु स्तंभ कादमि संतुष्टानि,
सा प्रश्नवाचक दृष्टि प्रशनणामि,
सा मनु स्तंभ किम् दृशशि,
नायिका -सा गुलाबंम दृश्यन्ति,
कितने इन्ज का था,
नायिका ६इंज।
प्रश्नवाचक चिन्ह? इतनी शहशीलता 🙏🌹🧔🤔
नायिका -जी हुजूर क्या है ना रोटी के लिए खुद बेचना ही पड़ता है।🧕
प्रश्नवाचक -तुम कुछ और क्यों नहीं कर लेती!🤔🧔😞
प्रशनवाचक -एक अस इज़ बलि देना क्या इतना आसान।🧔🤔😞
अगर हां तो कैसे और नहीं तो क्यों देनी पड़ती है।🧔🧕🩸💧
🤔एक असम्भव प्रेम गाथा का असंभव प्रश्न 🤔
समाज -वैशया के साथ शारीरिक संबंध बनाने हर मर्द बुरा नहीं होता?
#🖕 प्रेम ♥️आपत्तिजनक संकेत💘 प्यार 💚मोह, धोखा 🖤आप्शन 🤎
ग़ालिब -अल्लआह
लेखक -वासुदेव
कैमरा मैन- व्यस्त
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