...

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अब लौट आओ तुम
अब लौट आओ तुम जहां से हम जुदा हुए,
बहारें फिर से लाओ जीवन में जब से हम तन्हा हुए।
याद करते हम तुम्हारे प्यार को दिल में समेटे हुए,
अब लौट आओ तुम बहारों को दामन में समेटे हुए।

कुछ बातें है अनकही जिसे रखा होठों में दबाए हुए,
मिल जाओ उसी मोड़ पर जहां से तुम जुदा हुए।
कुछ अधूरे से सपने आंखों ने रखे संजोए हुए,
अब लौट आओ तुम जहां से हम जुदा हुए।
© BALLAL S २०/६/२०२४