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जब भगवान से पुछा ...
किसीका नहीं तु प्यारा, सभीका तु ही सहारा
तु सबसे प्यारा हे, तो, हे भी, सभी से न्यारा
कोई तेरे खातीर शुली चढा,
तो कई पि रहे जहर का गढा
जुवां पे नाम लिऐ तेरे, कांटे कैसे उगल रहे
जवानी मे ही बुढापे की तरह, मती अपनी खो रहे
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बचपन कैसे बिते, ये मत पुछ
बुढापा क्या चिज हे, पुछना हे तो पुछ
मेरे बन्दे हैं सब,
जब मुझको भुल,किया करें दुनिया के चर्चे
भगदड क्युं ना जो ये निचे मचे
सबके अपने अपने विचार...तुझे देख के
मुझ पर क्या बिते, पुछ सके तो पुछ
न बिसरो, बस याद करो, यह सहज मन्त्र हे मेरा
जैसे ही शव से हुई दृष्टी ओझल, तु बन गया मेरा
जगन्नाथ से दिखे शिव और दिखे जब शिव से जगन्नाथ,
जानलो समय तभी हे आया...अब बस,
दिल, दिमाग ओर बुलन्द करो सब हाथ
सपने सजाते कई देखे, पर तुझसा दिखे न कोई
तेरे सपनो से सजे हैं, तस्वीरें दुनिया के नई


© Birendra Debta