...

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सतर्क के रहना
आत्म सम्मान रह गया मतलब सब कुछ रह गया
इस पर हमला मैंने होने नहीं दिया

वह तो चाहती थी
इसको भी निगल जाने को
पर डॉंट दिया जब उसको
उसने नासमझ सा अभिनय किया

मेरी कोमल सी सुंदर ,गुलाबी सी भावनाएं
मेरी अंदर की एक खुसबू ,अंदर की कल्पनाएं
समाज से हटकर ,मेरी खुद की दूसरी दुनियां
वहां तक भी मैंने उसको बिना सोचे हक़ दिया

पर उसने फिक्र इन सबका नहीं किया
बस लगातार लगी रही ,मेरा सब कुछ सोख लेने में
पर मालूम जब उसे हुआ कि अब खाली मैं हो गया
तब चुपके से उसने खुद को मुझसे काट लिया

बस केवल इतना कहा - " मैंने तुम्हे कभी अपना माना ही नहीं
और न ही कभी तुम पर विश्वास किया। "

तब मुझे आया समझ कि
प्यार में भी होशियारी
लूटने की पूरी तैयारी
रहती है लोगों की
बस आडंबर बना के रखे हैं कि
कि प्यार केवल होता है दिल से
इस सिस्टम के अंदर जाकर देखोगे
तो वो वैसा बिल्कुल नहीं है जैसा दिखता है
इसलिए कमजोर ज़ज्बात वालों सतर्क के रहना उसमें