...

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फिर से कोई हैं
काबिल नहीं हूँ मैं किसी के फिर भी कोई मुझे काबिल बना रहा है
तलाश नहीं है मुझे किसी की फिर भी कोई मुझे तलाश रहा है

पागल कहते है लोग मुझे फिर भी कोई मुझे पागलों सा प्यार कर रहा है
अपनों के जख्म से मैं ऊपर उठ नहीं पा रही फिर भी कोई मुझे अपनों जैसा प्यार दे रहा है

दिल को पता नहीं कौन है वो फिर भी सपने उसके देखें जा रहा है
माना गलतियां करने से मैं बाज नहीं आती फिर भी कोई मुझे गलतियां करने का सही तरीका सीखा रहा है
पता नहीं क्यूं लगता है वो मेरे पास है फिर भी आंखें उसे देख नहीं पा रही
पता नहीं क्यूं लगता है वो मेरे सांस में बसा है फिर भी मुझे उसकी याद नहीं आ रही
अब मुझे उस कोई की तलाश है जो अजनबी होके भी मेरे पास है
आज फिर से मुझे किसी से प्यार है
शायद उसको मेरी हां का इंतजार है
काबिल हूँ मैं किसी के।