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डियर ख़्वाब 🍁
🌹डियर ख़्वाब🌹

नाराज़ होने पर ख़ामोश होने की आदत है, वो बोलती रही, मैं ख़ामोश हो गया,
उसने बोलने की पहले से ज़्यादा कोशिश की, मैं और ज़्यादा ख़ामोश हो गया,

उसने मिन्नतें की लेकिन मैं ख़ामोश रहा
कुछ दिनों बाद, अब मैं सुकून में था,
मैं चाहता था कि, अब वो बोले, क्ल मैं अब उससे बोलना चाहता था, लेकिन अब वो ख़ामोश हो गयी,

मैंने अपनी तरफ़ से कहीं ज़्यादा कोशिश की लेकिन वो मुझसे कहीं ज़्यादा ख़ामोश हो गई,
मैंने मिन्नतें की लेकिन वो ख़ामोश रही,
अब दोनों ख़ामोश हो गए, फिर किसी दिन हम दोनों सिर्फ़ बिन बोले एक दूजे को पढ़ने लगे, और न जाने क्या हुआ की हमे बोलने की इतनी ज़रूरत महसूस होने लगी जैसे जन्मो से कुछ न बोले हो, फिर हम इतना बोलने लगे की जन्मो की ख़ामोशी मिट गई..!🥀