37 views
दिल लगता नही
तुम्हारे ही, इश्क के चक्कर में,
दिल लगता ही नहीं, दफ्तर में.
एक टक देखते ही रहते है हम,
तुम ही दिखते हो, अफसर में.
एक, तुम हो रवॉ, मेरी रूह में,
तेरा बसेरा है मेरे शब सहर में.
सुनो तुम मायके न जाया करो,
जी लगता ही नही, सुने घर में.
तुम्हारी कमी महसूस होती है,
नींद ना आए खाली बिस्तर में.
तुम्हे सोचते है, तुम्हे लिखते है,
दिल डूबा रहे यादों के भंवर में.
© एहसास ए मानसी
दिल लगता ही नहीं, दफ्तर में.
एक टक देखते ही रहते है हम,
तुम ही दिखते हो, अफसर में.
एक, तुम हो रवॉ, मेरी रूह में,
तेरा बसेरा है मेरे शब सहर में.
सुनो तुम मायके न जाया करो,
जी लगता ही नही, सुने घर में.
तुम्हारी कमी महसूस होती है,
नींद ना आए खाली बिस्तर में.
तुम्हे सोचते है, तुम्हे लिखते है,
दिल डूबा रहे यादों के भंवर में.
© एहसास ए मानसी
Related Stories
41 Likes
36
Comments
41 Likes
36
Comments