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एक समय ऐसा भी....
#आज का दौर
जब आज की स्थिति को देखते है तो
सब अकेले लगते हैं,
जैसे किसी के पास कोई अपना है ही नहीं....
जब हम सुनते हैं पुरानी दौर की बातें
तो लगता है कि पुराने दौर में रुढियां जरुर थी,
पर हर रिश्ते को निभाना,लोग बखुबी जानते थे
जानते सब है,पर इस कसमकस में,
किसी के पास वक्त ही नहीं है अपनों के लिए
ये वक्त का पहिया भी इतनी तेज गति से चल रहा है,
मालूम होता है कि जल्द ही वो समय दूर नहीं,
जब 'अपनों की 'परिभाषा हमें याद करनी पड़ेगी.....
© sapna
जब आज की स्थिति को देखते है तो
सब अकेले लगते हैं,
जैसे किसी के पास कोई अपना है ही नहीं....
जब हम सुनते हैं पुरानी दौर की बातें
तो लगता है कि पुराने दौर में रुढियां जरुर थी,
पर हर रिश्ते को निभाना,लोग बखुबी जानते थे
जानते सब है,पर इस कसमकस में,
किसी के पास वक्त ही नहीं है अपनों के लिए
ये वक्त का पहिया भी इतनी तेज गति से चल रहा है,
मालूम होता है कि जल्द ही वो समय दूर नहीं,
जब 'अपनों की 'परिभाषा हमें याद करनी पड़ेगी.....
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