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kuchh baatein
बताओ तो क्या बताओ
बताने को तो ता उम्म्र पड़ी है
पर मुझे कहा ये छिपाना भी तो है
क्योंकि तुम्हारे माथे पे ये सिकंज अच्छी न लगती
और अकेले में मेरी होठो की ये खुशियाँ
कामजोर नहीं मजबूर हूं
सयाद तुम्हारे प्यार से कोसो दूर हूँ
पर ये प्यार मुझे जताना भी तो है
तुमको वो सारी बातें बताना तो भी है
© Subha
बताने को तो ता उम्म्र पड़ी है
पर मुझे कहा ये छिपाना भी तो है
क्योंकि तुम्हारे माथे पे ये सिकंज अच्छी न लगती
और अकेले में मेरी होठो की ये खुशियाँ
कामजोर नहीं मजबूर हूं
सयाद तुम्हारे प्यार से कोसो दूर हूँ
पर ये प्यार मुझे जताना भी तो है
तुमको वो सारी बातें बताना तो भी है
© Subha
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