...

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चलो लिखते हैं

चलो आज बेवफाई का मंज़र लिखते हैं
इश्क में आज उसे भी कंजर लिखते हैं

न रोया मौत पे, उस सीने को बंजर लिखते हैं
कत्ल करने वाली आंखों को खंजर लिखते हैं

चलो चाहत को उसके भूखा बवंडर लिखते हैं
आंसू को उसके सूखा समंदर लिखते हैं

संभल न सका तो उसे टूटा खंडर लिखते हैं
दुनिया से लड़ ना सका तो उसे झूठा सिकंदर लिखते हैं

देखे जो, नहीं वो सपने सुंदर लिखते हैं
कुछ बातें तो अब अपने अंदर लिखते हैं

चलो आज बेवफाई का मंज़र लिखते हैं
इश्क में आज उसे भी कंजर लिखते हैं

रात में भी मैंने सवेरा देखा
जब दिल में तेरे किसी और का बसेरा देखा .... ❣️🤍

© Aman Sri

कंजर - (कंजूस, मक्खीचूस, stingy)
#poetry #likhtehai #bewafa