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ममता का सागर
मां जीवन की सारथी
मेरी माँ ममता का सागर,
प्रेम सदा झलकाती है।
जब जब आए आँच पुत्र पर,
देकर दुआ बचाती है।।
डगर डगर मां करे पैरवी,
बन दुर्गा,मां भारती।
कभी निवाला न खाऊं तो,
बाँटे दर्द पुकारती।।
मां मेरी सांसों में रमती,
कष्टों को संहारती।
हर पीड़ा में गले लगाती,
मां जीवन की सारथी।।
© जितेन्द्र कुमार "सरकार "
मेरी माँ ममता का सागर,
प्रेम सदा झलकाती है।
जब जब आए आँच पुत्र पर,
देकर दुआ बचाती है।।
डगर डगर मां करे पैरवी,
बन दुर्गा,मां भारती।
कभी निवाला न खाऊं तो,
बाँटे दर्द पुकारती।।
मां मेरी सांसों में रमती,
कष्टों को संहारती।
हर पीड़ा में गले लगाती,
मां जीवन की सारथी।।
© जितेन्द्र कुमार "सरकार "
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