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मंथन
मंथन........


किसी की पीड़ा को देखकर आपको भी पीड़ा का अनुभव होता है
इसका अर्थ है ईश्वर आपके अंदर है आपको किसी मंदिर मस्जिद की जाने की जरूरत नहीं है, दया , प्रेम,करुणा ये सब ईश्वर के ही अंश होते हैं ।।



राकेश शर्मा
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