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Ashish Singh
Joined on 11 November 2022
YQ Writer
यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत,
अभ्युथानम् अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्|
परित्राणाय साधुनाम विनाशाय च: दुष्कृताम,
धर्मं संस्थापनार्थाय सम्भावामी युगे युगे||
Single And Alone 🚶♂️
24 Oct 🎂
MSDian ❤️
Athlete 🏃
Devbhoomi, UK
लिखता तभी है इंसान जब अपने दिल के जज़्बात किसी से कह नही पाता।
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