deep_bawara
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दीप बावरा
Joined on 18 November 2022
मेरी 7500 से ऊपर गझल कविताएं योर कोट ने चुराई है वो भी ग़लत इल्जाम देकर। मैं एक शापित कवि हूँ। जिसके लिखें हर कविता को चुराने का प्रन योर कोट टीम और कुछ उनसे मिले लेखकों ने लिया है। वजह है कि मैं एक देहाती हूँ, ग़रीब हूँ, बहुजन हूँ, और वो सोने कि क़लम से लिखने के शौकीन।
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