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अमीरी का नशा
सतीश
सतीश
सतीश
मुझे बिना बोले गाँव चला गया क्या ?

सतीश सोनिया के घर मे 2 साल से काम कर रहा था
उसका काम था कपड़े धोना, खाना बनाना
पर सोनिया मेमसाहब कहे वो काम करना

शुरू शुरू मे सब ठीक था
पर धीरे धीरे सोनिया कहने लगी तुम बस मैं बताऊं वो काम करोगे

सोनिया घर को इत्र से महका कर रखती थीं
पता नहीं पड़ रहा था ये अचानक क्या हुआ पहले तो इतनी सुगंध नहीं आती थी

सतीश सोचने लगा कहीं ऐसा तो नहीं मेमसाहब पीती हो ?
नहीं नहीं मैं शायद ज्यादा सोच रहा हूँ

सतीश सोचने लगा

पर ऐसा अक्सर होने लगा
सोनिया के पैर लड़खड़ाते थे सीधी खड़ी नहीं हो पाती थी शायद ज्यादा ड्रिंक के कारण

सतीश को याद आया उसकी माँ ने कहा था
कोई पीए तो उन्हें खट्टी चीजे देनी चाहिए
इससे नशा हटने लगता है

सतीश ने ऐसा ही करा
थोड़ी देर बाद सोनिया को उल्टी जैसा हुआ
उल्टी मे सब शराब फेंका गयी

नशा उतरने के बाद सोनिया सामान्य हो गयी
सतीश ने पूछा खाना लगाऊं क्या ?
नहीं मुझे भूख नहीं है

सतीश धीरे धीरे स्टोर रूम की तरफ जाने लगा
रुको ये लो बिस्तर लेकर जाओ

ये सुनकर सतीश भावुक हुआ
सोचने लगा सोनिया मेमसाहब बुरी नहीं है पर ये शराब उन्हें बुरी बना देती है

सतीश सोने की कोशिश करने लगा
फिर से उसे सोनिया की आवाज आयी
सोनिया ने फिर से ड्रिंक की थी

सतीश देखने गया की सोनिया की तबियत तो ठीक है ना
तो देखा सोनिया रो रही थी
कांच पर लिखा था
बनना पड़ता है जब अपने कहने के लिए कोई ना हो

सतीश ये पढ़कर कहने लगा
आपका दुःख बड़ा है पर ऐसे तो आप शराब को लत बना रहे
बनने दो मेरे अपनों ने मुझे गैर करा मेरा मेरे सिवाय मेरे पास कोई नहीं

इतने ना हिम्मत हारे
खुद को सुनें रोज अपनी कमी गुण देखे
अकेले हो या ना देखो आपकी ख़ासियत होगी कोई उसे ढूंढो और बाहर निकालो

पता है मुझे अमीरी का घमंड है इसका नाटक क्यों करना पड़ता
ताकि मेरे पास कोई ना आए पहले ही सभी को खो चुकी है

😪पता नहीं था आपको इतना दर्द है
प्यार ना सही एक ऐसे इंसान की जरूरत है जो मुझे सुने और मुझे जीने की प्रेरणा दे क्या तुम बनोगे वो इंसान

सतीश ने तुरंत हाँ कह दिया
सतीश ने सोनिया के लिए कॉफी बनाई
अब सोनिया का माथा दर्द हल्का हुआ

थैंक्स सतीश तुमने मुझे समझा
आप ड्रिंक मरने के ख्याल से फिर कभी पियोगी
मुश्किल है पर कोशिश करूंगी तुम हो ना मेरी मदद करने बस तुम यही रहो अब तुम पर गुस्सा भी नहीं करूंगी

सतीश बस सुनता रहा
मानो पत्थर मे भी जान आ गयी थी आज ।

समाप्त
18/6/2024
11:38 रात्रि
© ©मैं और मेरे अहसास