...

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लो आज फ़िर एक बार
लो जी जीत गए सनम तुम, आज फ़िर एक बार
हाँ, हार ही गई मैं तुमसे, लो आज फिर एक बार !!

दफ़न करके रक्खा था मैंंने तुम्हारी इन यादों को,
हाँ, याद आ ही गए तुम, लो आज फ़िर एक बार !!

दिल में प्यार, पलकों में ख़्वाब सजाए रक्खा, टूट गया,
तिनका -तिनका बिखर गई, लो आज फ़िर एक बार !!

मैं तुम्हारी और तुम फ़क़त मेरे, एहसास खुशनुमा था,
भ्रम क्या टूटा मेरा, टूट गई मैं लो आज फ़िर एक बार !!

नई ज़गह यूँ गैरों के बीच तुम्हारा अपनापन, उनके लिए,
देखकर, लुट गई दुनिया मेरी लो आज फ़िर एक बार !!

लो....जीत गए तुम सनम, क्योंकि मैं ख़ुद ही हार गई,
हाँ, लो आज फ़िर एक बार.... लो आज फ़िर एक बार...
© Mayuri Shah