...

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गुरु वंदना
गुरु कृपा बिना क्या कभी मिलते हैं श्याम,
कृपा बिना कहां कभी कहीं मिले हैं श्याम।

निग्रह ‘मन’ को करना गुरु देतें है ज्ञान,
स्थित ‘मन’ हो जाए तो लग जाता है ध्यान,
वही हैं असली खरी प्याले में जाम।

‘मन’ को दे कर हमें प्रभु बनाते हैं काम,
मिलता हैं जग में नाम या कहीं बदनाम,
वही हैं असली शक्ति ‘माया’ हैं नाम।

अपने को करले सवाल तेरा क्या था नाम,
जग में उतरे पगले तो मिली पहचान,
वही हैं असली पता श्याम का धाम।



© Aditya N. Dani #WritcoQuote #writercoapp