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तन्हाई
ये मौसम और तन्हाई
और याद तुम्हारी आई
ना कुछ और मैं चाहूँ
तू आजा बस हरजाई
एक और कदम ना तेरे बिन
तेरे संग की तलब लगी है
सर्दी के मौसम में मुझको
बड़ी जोर की प्यास लगी है
क्या हुआ मुझे ना समझा सका
रात अंधेरे में दिखती
मुझको तेरी परछाई
ना कुछ और मैं चाहूँ
तू आजा बस हरजाई
© SK
#WritcoQuote #poembysk
और याद तुम्हारी आई
ना कुछ और मैं चाहूँ
तू आजा बस हरजाई
एक और कदम ना तेरे बिन
तेरे संग की तलब लगी है
सर्दी के मौसम में मुझको
बड़ी जोर की प्यास लगी है
क्या हुआ मुझे ना समझा सका
रात अंधेरे में दिखती
मुझको तेरी परछाई
ना कुछ और मैं चाहूँ
तू आजा बस हरजाई
© SK
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