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मैं उसमें खो जाना चाहती हूं।
एक किताब के जैसे,
मैं उसको पढ़ना चाहती हूं।
अपनी उंगलियों से हर पन्ने,
हर किस्से को बदलना चाहती हूँ।
किसी लंबे अध्याय की तरह,
मैं सब्र से उसे समझना चाहती हूं।
अपने पसंदिदा अनुच्छेद के जैसे,
मैं उसे अपनी स्मृति का अंश
बना लेना चाहती हूँ।
आख़िर,
मैं बस उसमें खो जाना चाहती हूं।
© eëk_Tãlķ
मैं उसको पढ़ना चाहती हूं।
अपनी उंगलियों से हर पन्ने,
हर किस्से को बदलना चाहती हूँ।
किसी लंबे अध्याय की तरह,
मैं सब्र से उसे समझना चाहती हूं।
अपने पसंदिदा अनुच्छेद के जैसे,
मैं उसे अपनी स्मृति का अंश
बना लेना चाहती हूँ।
आख़िर,
मैं बस उसमें खो जाना चाहती हूं।
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