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यादें💓
यादें तो गुल्लक की तरह होती है,
ना जाने कब किसके साथ बन जाती है।
जैसे गुल्लक को एक दिन टूटना है,
वैसे ही हम जिनके साथ यादें बनाते ही उनका साथ भी छूटना ही है।
बचपन के वो दोस्त जो अब भी याद आते है,
क्या पता था उनके साथ ही जिंदगी के सबसे हसीन पल बन जानें है।
ना जाने कब किसके साथ बन जाती है।
जैसे गुल्लक को एक दिन टूटना है,
वैसे ही हम जिनके साथ यादें बनाते ही उनका साथ भी छूटना ही है।
बचपन के वो दोस्त जो अब भी याद आते है,
क्या पता था उनके साथ ही जिंदगी के सबसे हसीन पल बन जानें है।
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