...

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जिनसे वर्षों मिलना नहीं हुआ, और जब मिलना हुआ तब.... ∆ तड़प 😔😔∆
सालों से मिलने की तड़प दबी हुई थी सीने में
हर लम्हा जी चाहा मिलकर गले से लगने को,

मगर कभी कहा नहीं, कैसे कहती हक़ जो नहीं,
कोई हक़ नहीं बेशक, मुद्दतों चाह लूं कहने को,

आज मिलोगे, सालों से जमा पाषाण कैसे रुकेगा
रुकना ही होगा मगर, बेचैन है बरसों से पिघलने को,

वर्षों की प्यास, जन्मों का सैलाब उमड़ रहा है आज
कैसे बताएं बेहद तड़पा है दिल एक नज़र देख लेने को,

रह नहीं सकते थे जिसके बिना, इक पल को भी
कैसे बिता दिए प्यासे नैनों ने, वर्षों जी भर देख लेने को!

© सुधा सिंह 💐💐