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बिन महक गुलाब भी बेवजह है इस जहां में हम तो फिर भी एक इंसान हैं
जिन फूलों में खुशबू नहीं होती उनकी कद्र नहीं होती
फल दिखने में कितना भी खुबसूरत हों
बिन स्वाद उसे पूछता भी नही कोई....
लोगों ने औदा तो बड़ा कर लिया दिल को छोटा रख कर....
चांद सी ज़िंदगी में कांटों सी
ख्वाहिशे लिए हैं हम 💔
दिल को पत्थर बना दर्द
बेहिसाब झेल रहे हैं .....
बिन काम के फेक दिए जाओगे
कूड़े दान में .....
इंसान हों या फूल जब तक खिलते रहोगे महकते रहोगे तभी तक लोग पास रहना या रखना पसंद करेंगे....
कोशिश करिए कोई आप को रख ना पाय तो
फेंकने की सोच भी ना पाय 😀🙃🤞🏻💝
#writco
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