दास्तां
दो दिलों की दास्तां
कुछ अनकहा सा
दर्द छुपा होता है
जिसे समझना
होता नही इतना आसान
दिल बेचैन सा रहता है
ऑंखें नम सी रहती है
जिसे दिल में बसाया हो
उसके लिए हरपल
खामोशीयों के संग
सुकून
कुछ अनकहा सा
दर्द छुपा होता है
जिसे समझना
होता नही इतना आसान
दिल बेचैन सा रहता है
ऑंखें नम सी रहती है
जिसे दिल में बसाया हो
उसके लिए हरपल
खामोशीयों के संग
सुकून
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