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मौन मन क्यों अपराध करता है
#अपराध
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
व्यंग पर गंभीरता का प्रहार करता है
चुप–चाप रह कर हर प्रहार सहता है
हार कर भी सब कुछ ठीक है कहता है
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
रिश्तों को निभाते हुए हर प्रहार सहता है
जीवन का धर्म हर मोड़ आघात करता है
हार कर भी सब कुछ ठीक है कहता है
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
व्यंग पर गंभीरता का प्रहार करता है
चुप–चाप रह कर हर प्रहार सहता है
– मस्तनाथजोगी (आचार्य मयूर भारद्वाज)
© MS Vedic Spirituality
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
व्यंग पर गंभीरता का प्रहार करता है
चुप–चाप रह कर हर प्रहार सहता है
हार कर भी सब कुछ ठीक है कहता है
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
रिश्तों को निभाते हुए हर प्रहार सहता है
जीवन का धर्म हर मोड़ आघात करता है
हार कर भी सब कुछ ठीक है कहता है
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
व्यंग पर गंभीरता का प्रहार करता है
चुप–चाप रह कर हर प्रहार सहता है
– मस्तनाथजोगी (आचार्य मयूर भारद्वाज)
© MS Vedic Spirituality
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