मैं और मेरी छाया
#दर्पणप्रतिबिंब
जब कभी खो जाती हूं भीड़ में
जब लोग से हो जाती हूं जलील मैं
तब चली आती हूं तुमसे मैं मिलने
मुझे तुम खुद से मिलाती हो
मेरा ही हाल मुझे बतलाती हो
न...
जब कभी खो जाती हूं भीड़ में
जब लोग से हो जाती हूं जलील मैं
तब चली आती हूं तुमसे मैं मिलने
मुझे तुम खुद से मिलाती हो
मेरा ही हाल मुझे बतलाती हो
न...