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अल्फ़ाज़
बड़े सितमगर् हो जाना मेरी मसरूफियत नहीं समझते
अल्फ़ाज़ तो समझ लेते हो जज़्बात नहीं समझते
ये दिल ये जान ये रूह ये जिस्म सब तुम्हारा
गैरों की बात सुनते हो मेरी वफा नहीं समझते
मैंने छोड़ दिया वो शहर जहाँ तेरी खुश्बू तक ना हो
हम आशिक मिजाज़ है मेरी दिवानगी नहीं समझते
बड़ी आसानी से कहते हो भूल जाना हमे
दिल्लगी तो करते हो, पर इबादत नहीं समझते
तेरी यादों का खून रिसता है मेरी हर एक नज़्म मे
बड़े बेदर्द हो वाह वाह कहते हो, पर मेरा दर्द नहीं समझते।
❤
© All Rights Reserved
अल्फ़ाज़ तो समझ लेते हो जज़्बात नहीं समझते
ये दिल ये जान ये रूह ये जिस्म सब तुम्हारा
गैरों की बात सुनते हो मेरी वफा नहीं समझते
मैंने छोड़ दिया वो शहर जहाँ तेरी खुश्बू तक ना हो
हम आशिक मिजाज़ है मेरी दिवानगी नहीं समझते
बड़ी आसानी से कहते हो भूल जाना हमे
दिल्लगी तो करते हो, पर इबादत नहीं समझते
तेरी यादों का खून रिसता है मेरी हर एक नज़्म मे
बड़े बेदर्द हो वाह वाह कहते हो, पर मेरा दर्द नहीं समझते।
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