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कुछ ख्यालात मेरे....
जिस के आने से, जिस के जाने से,
शब्दों का तूफान आता है,
हर एहसास लफ़्ज़ बन जाता है।
तमन्ना है कि कभी वो भी पढ़ ले आशार मेरे,
कब कौनसी बात पर उसकी, क्या असर हुआ था दिल पर मेरे,
वो भी तो देखें आकर विचार मेरे।
जानता है वो कि वो मेरी प्रेरणा का स्रोत है,
कभी वो भी तो देखें नए-नए लिखित अवतार मेरे,
कभी वो भी तो कह दे "वाह शहजा़दी, क्या लिखा है"!
कभी वो भी तो सराहें अल्फाज़ मेरे।
मालूम है मुझे कि उम्मीद लगाना अच्छा नहीं इस दुनिया से,
लेकिन जिस से होते हैं मुकम्मल दिन और रात मेरे,
कभी तो सहला दे इन हाथों को प्यार से वो,
और चूम ले लिखे हुए जज़्बात मेरे।
Aapki sehzadi
© Haniya kaur

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