...

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🌺वृंदावन में🌺
वंशी बजती
मनोहारी
मनोरम,
रमणीय
वृंदावन में,
🌺
तृण प्रसन्न,
वृंदा प्रसन्नचित,
प्रकृति विभोर,
पुष्प बूटे पल्लवित,
वृंदावन में,
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गऊएं
आनंदित,
माताएं पुलकित,
माटी का हर कण प्रफुल्लित,
वृंदावन में,
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ग्वाल
सानंदित,
बाल-गोपाल,
और गोपिकाएं हर्षित
वृंदावन में,
🌺
महक
अगरबत्ती सी,
पीत सा अंबर
किसका फैला,
वृंदावन में,
🌺
कृष्णमय
आत्मा मेरी,
रमता तन-मन मेरा
केवल और केवल
वृंदावन में!
🌸🌺🌸🌺🌸🌺
—Vijay Kumar
© Truly Chambyal