...

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ईद..
भूल गया था अल्ला को भी
देखा उसे,पहन निकली जब वो पश्मीना।।
ज्यादा नहीं,
बात है पुरानी ये एक महीना।।
सुन्दरता की मिसाल को
कहुं कातिल या फिर हसीना!
देख भीड़ उसके पीछे
मेरा दिल डूबा जाए,
कोई जाए,मेरी तबीयत उसे बताए
आवाम से परदा कर रखे,
कोई तो उसे समझाए।।

पता नही किसने सुना और
मेरा हाल उसे बता दिया।।
दिखी नहीं,कई दिनों से वो
पता तो चले किसने बात को इतना बड़ा दिए?

फ़रियाद खुदा से,
मेरे महबूब की दीद हो जाए।।
मेरे सामने आ जाए वो
और मेरी ईद हो जाए।।।

© PM