...

5 views

Problem's Competition
दौर कुछ ऐसा आने लगा है
ज़माना खरोच को चोट बताने लगा है..!

जाने कैसा नशा है बेचारा होने में
हर कोई इसमें धुत्त होकर आने लगा है..!

कैसे देखे कोई आईने के उसपार की दुनिया
हर कोई कहानी परदे के पीछे से सुनाने लगा है..!

एक दौर था दुःख बांटने से हुआ करता था कम
अब इंसान बांटने से पहले थोड़ा ख़ुद ही बढ़ाने लगा है..!
© Vinisha Dang