बड़े दिनों के बाद मिले हो
बड़े दिनों के बाद मिले हो, चलो कुछ बात करते हैं,
कुछ तुम कहो अपनी कुछ हम कहते हैं ..
थोड़ा कहना ज्यादा समझना,
बात कहने को भले न हो कुछ फिर भी साथ बैठना ..
सुनो ये शब्द ख़ामोशी के भी कुछ बात कहते हैं,
ये बनावटी खुशी नहीं मन के जज़्बात कहते हैं..
हाथों में चाय और कुछ पुरानी यादें ,
होठों पर मुस्कान और फिर ढेरों बातें ..
चलो फिर से कुछ नए किस्से बुनते हैं ,
बड़े दिनों बाद मिले हो, चलो कुछ बात करते हैं..
© Jaya Tripathi
कुछ तुम कहो अपनी कुछ हम कहते हैं ..
थोड़ा कहना ज्यादा समझना,
बात कहने को भले न हो कुछ फिर भी साथ बैठना ..
सुनो ये शब्द ख़ामोशी के भी कुछ बात कहते हैं,
ये बनावटी खुशी नहीं मन के जज़्बात कहते हैं..
हाथों में चाय और कुछ पुरानी यादें ,
होठों पर मुस्कान और फिर ढेरों बातें ..
चलो फिर से कुछ नए किस्से बुनते हैं ,
बड़े दिनों बाद मिले हो, चलो कुछ बात करते हैं..
© Jaya Tripathi