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मैं दरिया का वो कोना हूं
मैं दरिया का वो कोना हूं
जहां सिर्फ मायूसी और दर्द है...
तेरे होने से ये दर्द और बढ़ जाता है...
जब पानी का अक्स दरिया के कोने को छूता है...
तो वो दर्द कम हो जाता है...
कुछ पल के लिए वो घाव वो ज़ख्म भर
जाते हैं...
© All Rights Reserved
जहां सिर्फ मायूसी और दर्द है...
तेरे होने से ये दर्द और बढ़ जाता है...
जब पानी का अक्स दरिया के कोने को छूता है...
तो वो दर्द कम हो जाता है...
कुछ पल के लिए वो घाव वो ज़ख्म भर
जाते हैं...
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